संज्ञा तथा संज्ञा के प्रकार

संज्ञा

निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-

(१) महात्मा गाँधी का जन्म पोरबंदर में हुआ था।
(२) वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
(३) उनके बदन पर लंगोटी और हाथ में एक डंडा रहता था।
(४) उन्होंने भारत की आजादी के लिए कड़ा संघर्ष किया।
(५) उन्हें महात्मा तथा राष्ट्रपित के नाम से जाना जाता हे।

उपरिलिखित वाकक्‍यों के रंगीन शब्दों पर ध्यान देते हुए निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए-
– महात्मा गाँधी एक विशेष व्यक्ति का नाम हे।
– पोरबंदर तथा भारत स्थान के नाम हें।
– लंगोटी और डंडा वस्तुओं के नाम हें।
– आजादी, सत्य और अहिंसा गुणों के तथा महात्मा व राष्ट्रपिता उपाधियों के नाम हैं।

परिभाषा: किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। जेसे-महात्मा गाँधी, डंडा, पोरबंदर ,आजादी आदि संज्ञाएँ हैं।

संज्ञा के प्रकार

संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद माने जाते हैं –

(१) व्यक्तिवाचक संज्ञा (२) जातिवाचक संज्ञा (३) भाववाचक संज्ञा

(१) व्यक्तिवाचक संज्ञा
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
सविता पढ़ती है।
यह लालकिला हे।
नेहरू जी प्रथम प्रधानमंत्री थे।

उपर्युक्त तीनों वाक्यों में से ‘सविता’ और ‘नेहरू जी’ विशेष व्यक्तियों के नाम हैं। ‘लालकिला’ विशेष स्थान का नाम है।
ऐसी संज्ञाएँ व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं।

परिभाषा: जो संज्ञा शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध करवाते हैं, वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। सुभाषचंद्र बोस , महात्मा गाँधी आदि व्यक्तिवाच्रक संज्ञाएं हैं।

व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के अन्य उदाहरण-
व्यक्तियों के नाम – राम, रावण, कंस, राजीव, भगतसिंह, वीर सावरकर, सरदार पटेल, प्रेमचंद, दिनेश, महेश आदि।
ग्रंथों / पुस्तकों / वस्तुओं के नाम – रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत, गीता, बाइबल, कुरान, कामायनी, राग दरबारी, गुनाहों का देवता , साकेत आदि।
स्थानों के नाम – अयोध्या, लंका, मथुरा, दिल्‍ली, अमेरिका, चीन, जापान, रूस, फ्रांस आदि।
नदियों व समुद्रों के नाम – गंगा, यमुना, सरस्वती, कृष्णा, कावेरी, घाघरा, कोसी, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर आदि।

(२) जातिवाचक संज्ञा
निम्नलिखित वाकयों को ध्यानपूर्वक पढ़िए –
(१) सुनार आभूषण बना रहा है।
(२) शेर जंगल का राजा कहलाता हे।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘सुनार’ शब्द समस्त सुनार जाति के लिए है, कोई भी सुनार हो सकता है। इसी प्रकार, दूसरे वाक्य में कोई भी शेर हो सकता है। ये दोनों शब्द अपनी संपूर्ण जाति का बोध करा रहे हैं। ऐसी संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं।

परिभाषा: जो संज्ञा शब्द एक ही प्रकार के व्यक्तियों, प्राणियों , वस्तुओं या स्थानों ( के नाम ) का बोध करवाते हैं उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। लड़का , गाय, फूल, गाँव आदि जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।

जातिवाचक संज्ञाओं के अन्य उदाहरण-
– कोयल, मोर, शेर, बंदर, गाय, घोड़ा, हाथी आदि प्राणी।
– आम, केला, पपीता, गुलाब, कमल, आलू, मटर आदि।
– पेन, पुस्तक, पेंसिल, मेज, कुर्सी आदि वलस्तुएँ।
– जज, सिपाही, डॉक्टर, वकील, मोची, बच्चा, भाई आदि।
– सोना, चाँदी, लोहा, ताँबा, पीतल आदि।

(३) भाववाचक संज्ञा
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
(१) भावना की वाणी बहुत कठोर है।
(२) गन्‍नों में मिठास है।

ऊपर दो वाक्य दिए गए हें। पहले वाक्य में “कठोर’ और दूसरे वाक्य में “मिठास’ किसी वस्तु के दोष या गुण हैं। ये दोनों शब्द न तो व्यक्तिवाचक हैं और न ही जातिवाचक हैं। केवल हम इनका अनुभव करते हैं। ये शब्द मात्र हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं।

परिभाषा: जिन संज्ञा शब्दों से गुण , दोष, धर्म , दशा, व्यापार, चेष्टा, या मन के भाव का बोध हो, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। मित्रता , बचपन , दया , बुराई आदि भाववाचक संज्ञाएँ हैं।