कहानी लेखन

सूचनाओं के अनुसार लेखन कीजिए [05 Marks]
कहानी लेखन:

March 2023

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
एक गाँव — पीने के पानी की समस्या — दूर-दूर से पानी लाना — सभी परेशान — सभा का आयोजन — मिलकर श्रमदान का निर्णय — दूसरे दिन से केवल एक आदमी का काम में जुटना — धीरे-धीरे एक-एक का आना — सारा  गाँव श्रमदान में — तालाब की खुदाई — बरसात के दिनों जमकर बारिश — तालाब का भरना — सीख।

Ans.

साझा कदम, करे समस्या दूर

         एक सुंदर गाँव था जहाँ की जनता को समस्या ने घेरा हुआ था। गाँव में पीने का पानी खत्म हो गया था और लोग दूर-दूर से पानी लाने के लिए परेशान थे।

         एक दिन, गाँववालों ने एक सभा बुलाई और समस्या का समाधान ढूँढने का निर्णय लिया। एक साथ मिलकर उन्होंने श्रमदान का फैसला किया। इसमें सभी ने सहमति दी।

         दूसरे दिन, केवल एक आदमी ही तालाब की खुदाई में लगा था। धीरे-धीरे, एक-एक का सहयोग और साझेदारी बढ़ती गई। सारा गाँव श्रमदान में जुट गया और इस तरह तालाब की पूरी खुदाई हो गई। फिर बरसात के मौसम में बारिश जमकर हुई और तालाब पानी से भर गया। और इसतरह पानी की समस्या दूर हो गई।

        इस साझेदारी ने गाँववालों को एक-दूसरे के साथ मिलकर श्रम करने से  समस्याओं का समाधान कैसे निकलता है यह सिखाया।
       यह कहानी हमें यह सीख देती है कि साझा कदम हर मुश्किल को दूर करता है, और जब लोग एक साथ मिलते हैं, तो हर समस्या को आसानी से पार किया जा सकता है।

March 2022

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
मोहन और माता-पिता — सुखी परिवार — मोहन हमेशा मोबाइल पर — माता-पिता का मना करना — मोहन का ध्यान न देना — सड़क पार करना — कान में इयरफोन — दुर्घटना — सीख ।

ध्यान बरतें, सुरक्षित रहें

             मोहन, एक सुखी परिवार का हिस्सा था पर हमेशा अपने मोबाइल में खोया रहता था। उसके माता-पिता ने बार-बार समझाया कि हमेशा मोबाइल पर न रहे। माता-पिता ने कई बार कहा कि वह अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखे, लेकिन मोहन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उसका मानना था कि यह सब कुछ बेकार की चिंता है।

            एक दिन, जब मोहन सड़क पार कर रहा था तो उसने अपने कानों में इयरफोन लगाया हुआ था और गाने का आनंद ले रहा था। इसलिए सड़क पार करते समय उसने ध्यान नहीं दिया और एक सड़क दुर्घटना के चपेट में आ गया।

            सौभाग्य से उसे इस दुर्घटना में अधिक चोट नहीं आई, पर मोहन अपनी लापरवाही और अपने माता-पिता की बातें न सुनने का परिणाम देख चुका था। इस घटना ने मोहन को सिखाया कि ध्यान बरतना जीवन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और माता-पिता की सलाह को उचितता से सुनना चाहिए।

             यह कहानी हमें यह सीख देती है कि हमें अपने कार्यों में सदैव सतर्क रहना चाहिए ताकि हम सुरक्षित रह सकें।

December 2020

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
एक गाँव — अस्वच्छता के कारण लोगों का बीमार होना — गाँव के युवा दल द्वारा कूड़ा-कचरा एकत्रित करना — नई योजना बनाना — खाद तैयार करके लोगों में बाँटना — गाँव का रूप बदलना — गाँव को पुरस्कार प्राप्त होना।

Ans.

साफ सुथरा गाँव: नए सोच का आरंभ

        एक सुंदर गाँव था जहाँ अस्वच्छता के कारण लोग बीमार हो रहे थे। गाँववालों ने मिलकर तय किया कि इस समस्या का समाधान निकालना अत्यंत आवश्यक है।

       गाँव के युवा दल ने इस समस्या का समाधान ढूंढने का निर्णय किया और एक योजना बनाई। उन्होंने समझा कि कूड़ा-कचरा एकत्रित करना गाँव की सफाई के लिए सर्वोत्तम है।

       युवा दल ने कूड़ा-कचरा से मिलने वाली ऊर्जा का उपयोग करके खाद बनाई। इस खाद को गाँव के कृषि भूमि में लगाया गया और इससे फलों और सब्जियों की उच्च गुणवत्ता की उत्पत्ति हुई। इस नई खाद का उपयोग करके गाँव के लोगों ने अच्छे स्वास्थ्य का अनुभव किया और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई।

       इस सफल पहल के बाद, गाँव ने कई पुरस्कार जीते, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण था “सफाई का गौरव” पुरस्कार। गाँव की सफाई और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए यह पुरस्कार मिला।

       इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि एक सशक्त युवा समूह की सहायता से और सही योजना के साथ मिलकर हम किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। अस्वच्छता के खिलाफ सामूहिक पहल के माध्यम से हम सभी अपने आस-पास के समाज को साफ-सुथरा और स्वस्थ बनाने में योगदान कर सकते हैं।

March 2020

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
एक गाँव — पीने के पानी की समस्या — दूर-दूर से पानी लाना — सभी लोग परेशान — सभा का आयोजन — मिलकर श्रमदान का निर्णय — दूसरे दिन से — केवल एक आदमी — काम में जुटना — धीरे-धीरे एक-एक का आना — सारा गाँव श्रमदान में — गाँव के तालाब की सफाई — कीचड़, प्लास्टिक निकलना — बरसात में तालाब का स्वच्छ पानी से भरना ।

Ans.

साझा कदम, करे समस्या दूर

         एक सुंदर गाँव था जहाँ की जनता को समस्या ने घेरा हुआ था। गाँव में पीने का पानी खत्म हो गया था और लोग दूर-दूर से पानी लाने के लिए परेशान थे।

         एक दिन, गाँववालों ने एक सभा बुलाई और समस्या का समाधान ढूँढने का निर्णय लिया। एक साथ मिलकर उन्होंने श्रमदान का फैसला किया। इसमें सभी ने सहमति दी।

         दूसरे दिन, केवल एक आदमी ही तालाब की खुदाई में लगा था। धीरे-धीरे, एक-एक का सहयोग और साझेदारी बढ़ती गई। सारा गाँव श्रमदान में जुट गया। गंदे तालाब में कीचड़ और प्लास्टिक की बोतलें होने की वजह से उसे साफ करने में गाँववालों को एक सप्ताह का समय लग गया।  फिर आने वाले बरसात के मौसम में बारिश जमकर हुई और तालाब पानी से भर गया। और इसतरह पानी की समस्या दूर हो गई।

        इस साझेदारी ने गाँववालों को एक-दूसरे के साथ मिलकर श्रम करने से  समस्याओं का समाधान कैसे निकलता है यह सिखाया।
       यह कहानी हमें यह सीख देती है कि साझा कदम हर मुश्किल को दूर करता है, और जब लोग एक साथ मिलते हैं, तो हर समस्या को आसानी से पार किया जा सकता है।

July 2019

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:

एक गाँव — गाडगे बाबा का प्रवेश — अस्वच्छता देख दुख — अकेले स्वच्छता करने में लगना — रोज आकर स्वच्छता — धीरे-धीरे लोगों का हाथ में झाड़ू उठाने — रोज एक घंटा स्वच्छता अभियान में — गाँव में स्वच्छता — लोगों का स्वच्छता के महत्व को समझना — बाबा का दूसरे गाँव जाना — लोगों का स्वच्छता अभियान जारी।

Ans.

गाड़गे बाबा और स्वच्छता की महत्वपूर्ण कहानी

            एक सुंदर गाँव में सभी लोग सहयोग और मिलजुलकर रहते थे। गाँव में एक दिन गाड़गे बाबा जो एक साधु थे उनका प्रवेश हुआ । उनकी दृष्टि गाँव की अस्वच्छता पर पड़ी, और उन्हें बहुत दुख हुआ।

        गाड़गे बाबा, जो स्वच्छता के प्रेमी थे, तत्पश्चात् अकेले ही स्वच्छता करने का निर्णय लिया। रोजाना वे गाँव आते और एक घंटे तक गाँव की सड़कों, बाजार, और मंदिरों को साफ करते। उनकी मेहनत ने धीरे-धीरे लोगों की भी दृष्टि बदल दी।

        गाँववालों ने भी उनकी आलसी नींद को तोड़ते हुए उनके साथ मिलकर हर रोज स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेने का निर्णय किया। हर व्यक्ति ने रोजाना एक घंटा निकालकर स्वच्छता करने का संकल्प लिया और उन्होंने गाडगे बाबा के साथ मिलकर गाँव को साफ-सुथरा बनाने का कार्य किया।

        समय के साथ, गाँव का दृश्य पूरी तरह से बदल गया। लोगों ने स्वच्छता के महत्व को समझ लिया और उन्होंने गाडगे बाबा के प्रेरणादायक कार्य को अपनाया। सभी ने मिलकर गाँव को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया और यह एक सफल स्वच्छता अभियान बन गया।

       गाड़गे बाबा ने दूसरे गाँवों को भी इस सफल अभियान का हिस्सा बनाने का विचार और बाबा दूसरे गाँव चले गए लेकिन लोगों ने अपने स्वच्छता अभियान को जारी रखा और इस तरह यह सुंदर गाँव हमेशा के लिए सुंदर बन गया ।

        इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि एक ही व्यक्ति की मेहनत और संकल्प से कैसे एक समूह को एकजुट करके स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है।

March 2019

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
भिखारी — भीख माँगना  — एक व्यक्ति का रोज देखना — फूलों का गुच्छा देना — भिखारी का फूल बेचना — मंदिर के सामने दुकान खोलना।

Ans.

फूलों का आशीर्वाद: एक बदलाव की कहानी

            एक छोटे से गाँव में एक भिखारी भीख माँगने के लिए हर रोज़ मंदिर के सामने खड़ा रहता था। लोग उसे उदासी और आत्मसमर्पण से देखते और कुछ न कुछ भीख दे देते, लेकिन एक दिन गाँव के एक व्यक्ति ने उसमें कुछ अलग देखा।

           वह व्यक्ति भिखारी के पास जाकर कहा, “तुम हर दिन यही काम करते हो, क्या तुम्हें भीख माँगने के अलावा कुछ नहीं आता?”

          भिखारी ने मुस्कराते हुए कहा, “मेरा यही काम है जीवन यापन करने के लिए।” एक दिन उस व्यक्ति ने भिखारी को एक बाग के पास ले जाकर फूलों का एक गुच्छा दिखाया और कहा, “तुम इन फूलों को बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हो।”

          भिखारी ने अचंभित होकर उसकी बातों को सुना और उसने उस गुच्छे को लेकर फूलों का सुंदर बुके बनाया। फिर वह मंदिर के सामने खड़े होकर बेचने लगा । सुंदर बुके होने के कारण लोग खरीदने लगे।

और फिर एक दो माह बाद उसने मंदिर के सामने एक कुटिया में अपनी एक छोटी सी दुकान खोली। अब इस तरह वह भिखारी से एक छोटा सा व्यापारी बन गया।

          इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी स्थिति में, यदि हम अपनी इच्छा, मेहनत, और उद्यम से काम करते हैं, तो हम अपने जीवन को पलट सकते हैं। भिखारी ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का सामना किया और उसने दिखाया कि हर किसी को अपने पोटेंशियल को पहचानने और साकारात्मक दिशा में बदलने का अवसर हो सकता है।