निबंध लेखन

सूचनाओं के अनुसार लेखन कीजिए: [07 Marks]
निबंध-लेखन:

March 2023

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

(१) एक किसान की आत्मकथा
(२) मेरा प्रिय खेल
(३) पुस्तक प्रदर्शनी में एक घंटा

Ans.

एक किसान की आत्मकथा

     मैं एक भारतीय किसान हूँ, और मेरा जीवन ऋतुओं की लय और मेरे सामने फैले विशाल खेतों के इर्द-गिर्द घूमता है। एक छोटे से गाँव में जन्मे, एक किसान के रूप में मेरी यात्रा मेरे पूर्वजों की उपजाऊ मिट्टी पर पहला कदम रखने के साथ शुरू हुई।

    मेरा जीवन हर दिन सूरज उगने से पहले शुरू होता है। जब मैं काम पर निकलता हूँ तो पक्षियों की चहचहाहट और सुबह की ठंडी हवा मेरे साथ होती है। पीढ़ियों से चली आ रही भूमि मेरी विरासत है और इस पर खेती करने में मुझे बहुत गर्व महसूस होता है।

    भारत, अपनी विविध जलवायु के साथ, किसानों के लिए एक अनूठी चुनौती पेश करता है। बारिश का मौसम राहत लाता है, सूखी धरती को जीवनदायी जल से भर देता है। मैं बारिश का बेसब्री से इंतजार करता हूँ, क्योंकि यह मेरी फसलों की जीवन रेखा है। मैं आशा भरी निगाहों से आसमान की ओर देखता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि समय पर बारिश हो, न बहुत ज्यादा, न बहुत कम।

    मेरे बूढ़े और कठोर हाथ, खेतों में मेहनत करते हुए बिताए वर्षों की कहानी कहते हैं। ज़मीन जोतने से लेकर बीज बोने तक, प्रत्येक कार्य प्रेम का श्रम है। धान के खेत हवा में धीरे-धीरे लहराते हैं, और सुनहरे गेहूँ के खेत सूरज की रोशनी में चमकते हैं – मेरे जैसे अनगिनत किसानों की कड़ी मेहनत का प्रमाण हैं।

    मैंने धैर्य रखना सीखा है, क्योंकि खेती यही सिखाती है। गर्मियों की चिलचिलाती गर्मी और सर्दियों की कड़कड़ाती ठंड ऐसी चुनौतियाँ हैं जिनका मैं धैर्य और साहस के साथ सामना करता हूँ। प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने, मैं दृढ़ता से खड़ा रहता हूँ, यह जानते हुए कि मेरी फसलें मेरी अटूट प्रतिबद्धता पर निर्भर करती हैं।

   फसल का मौसम खुशी और संतुष्टि का समय है। हवा तैयार हुई फसलों की सुगंध से भर जाती है। यह उत्सव का समय है, ऐसा समय जब पूरा गाँव हमारे सामूहिक श्रम का फल प्राप्त करने के लिए एक साथ आता है।

   खेतों से परे, मेरा जीवन ग्रामीण भारत के चक्रों से जुड़ा हुआ है। त्यौहार, स्थानीय बाज़ार और सामुदायिक जीवन की साधारण खुशियाँ मेरे अस्तित्व की पृष्ठभूमि हैं। 

  खेती सिर्फ एक नौकरी नहीं है – यह जीवन जीने का एक तरीका है जो परिवारों और समुदायों को एक साथ जोड़ता है। खेतों में खेलते बच्चों की आवाज़, फ़सल के दौरान साझा काम, और ज़मीन के करीब होने की सरल खुशी – ये ऐसी चीज़ें हैं जो मेरे जीवन को समृद्ध बनाती हैं, भले ही यह फिजूलखर्ची से सजी न हो। मेरे दिनों की सादगी में ग्रामीण भारत की धड़कन निहित है।

मेरा प्रिय खेल

    खेल मनोरंजन का एक साधन है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। हर व्यक्ति का कोई न कोई प्रिय खेल होता है, जो उसे सबसे ज्यादा पसंद होता है। मेरा भी एक प्रिय खेल है, जो मुझे बहुत पसंद है। 
        मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है। मैं बचपन से ही क्रिकेट खेलता आया हूँ। मुझे क्रिकेट का मैदान बहुत पसंद है। जब मैं क्रिकेट खेलता हूँ, तो मुझे बहुत आनंद आता है। क्रिकेट एक टीम गेम है, जिसमें टीम के सभी खिलाड़ियों को एक साथ काम करना पड़ता है। क्रिकेट खेलने से टीम वर्क, नेतृत्व और अनुशासन जैसे गुण विकसित होते हैं।
      मैं क्रिकेट में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अच्छा हूँ। मैं तेज गेंदबाजी करना पसंद करता हूँ। मैं क्रिकेट में कई मैच खेल चुका हूँ और कई बार मैंने अपनी टीम को जीत दिलाई है।
      क्रिकेट मेरे लिए सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि यह मेरे जीवन का एक हिस्सा है। मैं क्रिकेट के मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूँ। मैं क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहता हूँ।
      क्रिकेट के अलावा, मुझे फुटबॉल, टेनिस और बैडमिंटन जैसे खेल भी पसंद हैं। लेकिन क्रिकेट मेरा सबसे प्रिय खेल है।
      क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। यह भारत का राष्ट्रीय खेल भी है। क्रिकेट खेलने से हमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।
      मैं सभी लोगों से अपील करता हूँ कि वे अपने पसंद के खेल को खेलें और इससे लाभ उठाएँ।

पुस्तक प्रदर्शनी में एक घंटा

        पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का एक अनमोल स्रोत हैं। वे हमें दुनिया के बारे में जानने, नई चीजें सीखने और अपने विचारों को विकसित करने में मदद करती हैं। पुस्तक प्रदर्शनियाँ एक ऐसी जगह हैं जहाँ हम विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को देख और खरीद सकते हैं।

       एक दिन, मैं अपने दोस्तों के साथ एक पुस्तक प्रदर्शनी में गया। प्रदर्शनी का आयोजन एक स्थानीय पुस्तकालय द्वारा किया गया था। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकों का एक विशाल संग्रह था। इसमें बच्चों की कहानियों से लेकर वैज्ञानिक पुस्तकों तक, सभी प्रकार की पुस्तकें थीं।

        हम प्रदर्शनी में घूमने लगे। हमने विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को देखा और उनका अध्ययन किया। हमने कुछ पुस्तकों को पढ़ना शुरू भी किया। हमें कुछ पुस्तकें इतनी अच्छी लगीं कि हमने उन्हें खरीदने का फैसला किया।

       हमने एक घंटे तक प्रदर्शनी में बिताया। इस दौरान हमने बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ देखा। हमें पुस्तक प्रदर्शनी में बहुत अच्छा लगा।

       पुस्तक प्रदर्शनियों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। वे हमें नए ज्ञान और अनुभवों से अवगत कराते हैं। वे हमारी रुचियों को विकसित करने और हमारे व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

       पुस्तक प्रदर्शनियों में जाने के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • नई पुस्तकों से परिचित होने का मौका मिलता है।
  • अपनी रुचियों के अनुसार पुस्तकें खरीदने का मौका मिलता है।
  • पुस्तकें सस्ती दर पर मिलती हैं।
  • पुस्तक प्रदर्शनियों में कई तरह के कार्यक्रम और गतिविधियाँ होती हैं, जो हमें ज्ञान और मनोरंजन प्रदान करती हैं।

यदि आप पुस्तकों से प्यार करते हैं, तो आपको जरूर किसी पुस्तक प्रदर्शनी में जाना चाहिए। यह एक ऐसा अनुभव होगा जो आपको कभी नहीं भूल जाएगा।

March 2022

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

(१) मेरा प्रिय त्योहार
(२) नदी की आत्मकथा
(३) यदि मैं अध्यापक होता

        मेरा प्रिय त्योहार

         मेरे देश भारत में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से मेरा सबसे प्रिय त्योहार दीपावली है। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन घरों में और मंदिरों में दीप जलाए जाते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाई बाँटते हैं।

         दीपावली का त्योहार प्रकाश और अँधकार के बीच की लड़ाई का प्रतीक है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं और नए सामान खरीदते हैं। वे गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं।

        दीपावली का त्योहार एक परिवार और मित्रों के साथ मिलकर मनाने का त्योहार है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और मिठाई और उपहार बाँटते हैं। यह त्योहार सभी के जीवन में खुशी और उल्लास लाता है।

        दीपावली के दिन लोग पटाखे और आतिशबाजी भी करते हैं। यह दिन बच्चों के लिए बहुत ही रोमाँचक होता है। वे नए पटाखे और आतिशबाजी खरीदते हैं और उन्हें जलाते हैं।

        दीपावली का त्योहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हमें अच्छाई और बुराई के बीच के अंतर को समझने में मदद करता है। यह त्योहार हमें एक-दूसरे के प्रति प्रेम और भाईचारे की भावना को मजबूत करने में भी मदद करता है।

        मुझे दीपावली का त्योहार इसलिए बहुत पसंद है क्योंकि यह एक खुशी और उल्लास का त्योहार है। यह त्योहार हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर मनाने का अवसर देता है। यह त्योहार हमें अच्छाई और बुराई के बीच के अंतर को समझने में भी मदद करता है।

नदी की आत्मकथा

       मैं एक नदी हूँ। मुझे अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे सरिता, तटिनी, प्रवाहिनी आदि। मैं धरती पर जीवन का आधार हूँ। मैं जहाँ से गुजरती हूँ, वहाँ की भूमि को हरा-भरा कर देती हूँ। मैं मनुष्यों, पशुओं और पक्षियों की प्यास बुझाती हूँ। मैं मछलियों और अन्य जलीय जीवों का घर हूँ। मैं कृषि के लिए आवश्यक जल प्रदान करती हूँ। मैं उद्योगों के लिए जल शक्ति उत्पन्न करती हूँ। मैं मनोरंजन का भी एक स्रोत हूँ।

      मेरी उत्पत्ति हिमालय या अन्य पर्वतों में होती है। वहाँ से मैं पहाड़ों से बहती हुई मैदानों में आती हूँ। मैं मैदानों में अनेक नदियों से मिलती हूँ और एक विशाल नदी का रूप ले लेती हूँ। मैं समुद्र में जाकर मिल जाती हूँ।

      मेरे जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं। कभी-कभी मुझे बाढ़ आती है, तो कभी-कभी अकाल पड़ता है। कभी-कभी लोग मेरे पानी को प्रदूषित कर देते हैं। लेकिन मैं हर बार इन चुनौतियों का सामना कर रही हूँ।

      मैं प्रकृति की एक अद्भुत देन हूँ। मैं धरती पर जीवन का संवाहक हूँ। मैं प्रकृति की सुंदरता का प्रतीक हूँ। मैं मानव सभ्यता का आधार हूँ।

      मैं अपने जीवन से बहुत खुश हूँ। मैं धरती पर जीवन को बनाए रखने में अपना योगदान दे रही हूँ। मैं चाहती हूँ कि मैं हमेशा धरती पर बहती रहूँ और लोगों को जीवन प्रदान करती रहूँ।

मेरा महत्व

      हम धरती पर जीवन का आधार हैं। हमारे जल, ऊर्जा, कृषि और मनोरंजन के लिए आवश्यक हैं। हम धरती पर जैव विविधता को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

      हमारे जल का उपयोग पीने, सिंचाई, उद्योग और ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाता है। हम मछलियों और अन्य जलीय जीवों का घर भी हैं। हम पर्यटन के लिए भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।

हमारे संरक्षण के लिए उपाय

  • हमें प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।
  • हमारे तटों पर वृक्षारोपण करना चाहिए।
  • हमारे किनारे कचरा नहीं फैलाना चाहिए।
  • हम में  मछली पकड़ने के लिए जाल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • हमारे ऊपर नाव चलाते समय सावधानी बरतना चाहिए।

      हमारे संरक्षण से आप धरती पर जीवन को बनाए रखने में योगदान दे सकते हैं।

यदि मैं अध्यापक होता

अध्यापक एक सम्मानित पेशा है। एक अध्यापक का कार्य अपने छात्रों को ज्ञान प्रदान करना और उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना है। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने छात्रों को निम्नलिखित गुणों को सिखाता:

  • अनुशासन: अनुशासन एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। अनुशासित व्यक्ति सफलता की ओर बढ़ता है। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने छात्रों को अनुशासन के महत्व को समझाता और उन्हें अनुशासित रहने के लिए प्रोत्साहित करता।
  • ज्ञान: ज्ञान एक व्यक्ति के जीवन का आधार है। ज्ञान से व्यक्ति को दुनिया की समझ होती है। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करता। मैं उन्हें विभिन्न विषयों का ज्ञान देता, ताकि वे एक शिक्षित और जागरूक नागरिक बन सकें।
  • सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच एक व्यक्ति के जीवन को सफल बनाती है। सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति मुश्किल परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारता। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने छात्रों को सकारात्मक सोच के महत्व को समझाता और उन्हें सकारात्मक सोच रखने के लिए प्रेरित करता।
  • सहयोग: सहयोग एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। सहयोग से व्यक्ति बड़ी-बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर सकता है। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने छात्रों को सहयोग के महत्व को समझाता और उन्हें सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता।
  • नैतिकता: नैतिकता एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। नैतिक व्यक्ति समाज का एक अच्छा नागरिक होता है। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने छात्रों को नैतिकता के महत्व को समझाता और उन्हें नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता।

मैं अपने छात्रों को यह भी सिखाता कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। मैं उन्हें यह भी सिखाता कि वे दूसरों की मदद करें और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाएँ।

मैं एक ऐसा अध्यापक बनना चाहता हूँ, जिसका प्रभाव अपने छात्रों के जीवन पर पड़े। मैं चाहता हूं कि मेरे छात्र एक अच्छे इंसान बनें और समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभाएँ।

December 2020

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

(१) मैं पृथ्वी बोल रही हूँ…
(२) काश! बचपन लौट आता…
(३) अनुशासन का महत्त्व…

Ans.

मैं पृथ्वी बोल रही हूँ

       
        मैं पृथ्वी हूँ। मैं सौरमंडल का तीसरा ग्रह हूँ। मैं एकमात्र ऐसा ग्रह हूँ जिस पर जीवन संभव है। मेरे ऊपर पेड़-पौधे, जीव-जन्तु और मनुष्य रहते हैं। मैं बहुत पुरानी हूँ। मैं अरबों साल से इस ब्रह्मांड में मौजूद हूँ। मैं बहुत बड़ी हूँ। मेरा व्यास लगभग 12,756 किलोमीटर है। मैं बहुत भारी हूँ। मेरा द्रव्यमान लगभग 5.972 ट्रिलियन टन है।

       मैं बहुत खूबसूरत हूँ। मेरे ऊपर हिमालय, एंडीज, आल्प्स जैसे ऊंचे पर्वत हैं। मेरे ऊपर विशाल महासागर हैं। मेरे ऊपर घने जंगल हैं।

       मैं बहुत उपयोगी हूँ। मैं मनुष्यों को भोजन, पानी और रहने के लिए जगह प्रदान करती हूँ। मैं मनुष्यों को औद्योगिक विकास के लिए कच्चे माल भी प्रदान करती हूँ।

      लेकिन मैं बहुत पीड़ित भी हूँ। मनुष्य मेरे साथ बहुत बुरा व्यवहार करते हैं। वे मेरे पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। वे मेरे वनों को काटते हैं। वे मेरे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते हैं।

      मैं मनुष्यों से विनती करती हूँ कि वे मेरे साथ अच्छा व्यवहार करें। वे मेरे पर्यावरण को प्रदूषित न करें। वे मेरे वनों को न काटें। वे मेरे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन जिम्मेदारी से करें।

      मैं चाहती हूँ कि मैं और मेरे साथ रहने वाले सभी जीव-जन्तु सुखी और समृद्ध हों।

काश! बचपन लौट आता…

          बचपन एक ऐसी अवधि है जो हर किसी के जीवन में एक बार ही आती है। यह वह समय है जब हम बेफिक्र और निश्चिंत होते हैं। हमें किसी भी चीज की चिंता नहीं होती है। हम सिर्फ खेल-कूद में मस्त रहते हैं। बचपन के दिन हमारे जीवन के सबसे सुखद दिन होते हैं।

         बचपन में हम अपनी कल्पनाओं में खो जाते हैं। हम परियों के देश की कहानियाँ सुनते हैं और उनमें खो जाते हैं। हम राजा-रानी बनना चाहते हैं। हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर खेलते हैं। हम लुका-छिपी, क्रिकेट, कबड्डी, और अन्य खेल खेलते हैं। हम पेड़ों पर चढ़ते हैं और धूल-मिट्टी में खेलते हैं।

        बचपन में हम अपने माता-पिता के प्यार में रहते हैं। वे हमें हर चीज में मदद करते हैं। वे हमें प्यार करते हैं और हमारी परवाह करते हैं। हम उनके साथ खुश रहते हैं।

       बचपन में हम दुनिया को एक अलग नजरिए से देखते हैं। हम दुनिया को एक बेहतर जगह मानते हैं। हम सोचते हैं कि दुनिया में सिर्फ प्यार और खुशी है।

       बचपन की यादें हमारे जीवन में हमेशा बनी रहती हैं। जब भी हम बचपन की यादों को याद करते हैं, तो हम खुश हो जाते हैं।

      काश! बचपन फिर से लौट आता। हम फिर से अपने बचपन के दिनों को जीना चाहते हैं। हम फिर से अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहते हैं। हम फिर से अपने माता-पिता के प्यार में रहना चाहते हैं। हम फिर से दुनिया को एक बेहतर जगह मानना चाहते हैं।

      लेकिन बचपन कभी वापस नहीं आता है। यह एक ऐसी अवधि है जो एक बार ही आती है। इसलिए, हमें इस अवधि का भरपूर आनंद लेना चाहिए। हमें अपने बचपन के दिनों को याद रखना चाहिए और उन्हें हमेशा अपने दिल में संजोकर रखना चाहिए।

अनुशासन का महत्त्व

अनुशासन का अर्थ है किसी नियम या व्यवस्था का पालन करना। अनुशासन एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाता है। अनुशासन के बिना कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता है।

अनुशासन का महत्त्व निम्नलिखित है:

  • अनुशासन व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाता है। अनुशासन व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने और धैर्य रखने में मदद करता है। अनुशासित व्यक्ति अपने समय का सही उपयोग करता है और अपने कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करता है।
  • अनुशासन व्यक्ति को आत्मविश्वास देता है। अनुशासित व्यक्ति अपने कार्यों पर नियंत्रण रखता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होता है। इससे उसे आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • अनुशासन व्यक्ति को व्यवस्थित बनाता है। अनुशासित व्यक्ति अपने कार्यों को समय पर और सही तरीके से करता है। इससे उसे अपने जीवन में व्यवस्था बनती है।
  • अनुशासन व्यक्ति को अनुशासित बनाता है। अनुशासित व्यक्ति अपने मन के वश में नहीं होता है। वह अपने इच्छाओं पर नियंत्रण रखता है और सही कार्य करने के लिए प्रेरित होता है।

अनुशासन के महत्त्व को समझते हुए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाना चाहिए। अनुशासन के द्वारा हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

अनुशासन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • एक विद्यार्थी जो नियमित रूप से पढ़ता है और समय पर अपना होमवर्क करता है, वह अनुशासित विद्यार्थी कहलाता है।
  • एक कर्मचारी जो अपने कार्यस्थल पर समय पर आता है और अपने कार्यों को समय पर पूरा करता है, वह अनुशासित कर्मचारी कहलाता है।
  • एक नागरिक जो कानूनों का पालन करता है और समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखता है, वह अनुशासित नागरिक कहलाता है।

अनुशासन एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को जीवन में सफलता की ओर ले जाता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाना चाहिए।

March 2020

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

(१) मेरा भारत देश
(२) पर्यावरण संतुलन
(३) पुस्तक की आत्मकथा

Ans.

मेरा भारत देश

        मेरा भारत देश एक विशाल और प्राचीन देश है। यहाँ की संस्कृति और सभ्यता सदियों पुरानी है। भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश माना जाता है, जहाँ सभी धर्मों के लोग शांति और सद्भाव से रहते हैं।

       भारत की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है। यहाँ पर हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, सह्याद्रि की हरियाली, नदियों की कल कल करती धाराएँ, और समुद्र की लहरें सभी मनमोहक हैं। भारत में अनेक राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य भी हैं, जहाँ पर विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं।

       भारत एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति वाला देश है। यहाँ पर अनेक प्राचीन मंदिर, मस्जिद, चर्च, और अन्य ऐतिहासिक स्थल हैं। भारत ने कई महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, और लेखकों को जन्म दिया है।

       भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहाँ के लोग अपने देश की सरकार चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। भारत में अनेक राजनीतिक दल हैं, जो लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान देते हैं।

      भारत एक विकासशील देश है। यहाँ पर अनेक समस्याएँ हैं, जैसे गरीबी, भ्रष्टाचार, और बेरोजगारी। लेकिन भारत की जनता इन समस्याओं का समाधान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

      मैं अपने भारत देश पर बहुत गर्व करता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरा देश एक विकसित और समृद्ध देश बने। मैं अपने देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहता हूँ।

       भारत एक ऐसा देश है, जहाँ पर सभी धर्मों के लोग शांति और सद्भाव से रहते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है। भारत एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति वाला देश है। यहाँ के लोग अपने देश की सरकार चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। भारत एक विकासशील देश है, लेकिन यहाँ की जनता इन समस्याओं का समाधान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

      मैं अपने भारत देश को एक विकसित और समृद्ध देश बनाना चाहता हूँ। मैं अपने देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहता हूँ।

पर्यावरण संतुलन

           पर्यावरण संतुलन का अर्थ है, प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग और संरक्षण इस तरह से करना कि वे एक दूसरे को प्रभावित न करें और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए। पर्यावरण में सभी जीव-जंतु, पौधे, वायुमंडल, जल, और मिट्टी शामिल हैं। इन सभी घटकों का आपस में गहरा संबंध है। अगर इनमें से किसी एक घटक में असंतुलन होता है, तो यह अन्य घटकों पर भी असर डालता है।

पर्यावरण संतुलन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

  • वनों का संरक्षण: वन हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, मिट्टी को कटाव से बचाते हैं, और जलवायु को नियंत्रित करते हैं। इसलिए, वनों का संरक्षण करना बहुत जरूरी है।
  • प्रदूषण को रोकना: प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है। यह वायु, जल, और भूमि को प्रदूषित करता है और जीव-जंतुओं और मनुष्यों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए, प्रदूषण को रोकने के लिए हमें ठोस कदम उठाने होंगे।
  • ऊर्जा के संरक्षण: ऊर्जा का संरक्षण करना भी पर्यावरण संतुलन के लिए जरूरी है। ऊर्जा के अधिक उपयोग से प्रदूषण बढ़ता है। इसलिए, हमें ऊर्जा का उपयोग कम करने और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करने के लिए प्रयास करने चाहिए।
  • सस्टेनेबल विकास: सस्टेनेबल विकास का अर्थ है, विकास करना, लेकिन ऐसा करना कि भविष्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सके। इसलिए, हमें अपने विकास के लिए ऐसे साधन और तरीके खोजने चाहिए जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक न हों।

पर्यावरण संतुलन हमारे लिए बहुत जरूरी है। अगर हम पर्यावरण को संतुलन में रखेंगे, तो हम अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।

पर्यावरण संतुलन के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। हम निम्नलिखित बातों से पर्यावरण संतुलन में अपना योगदान दे सकते हैं:

  • जैव विविधता को बचाने के लिए प्रयास करें।
  • प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास करें।
  • ऊर्जा का संरक्षण करें।
  • सस्टेनेबल विकास को बढ़ावा दें।

पर्यावरण संतुलन हमारे लिए एक जिम्मेदारी है। हमें इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

पुस्तक की आत्मकथा

          मैं एक पुस्तक हूँ। मेरा जन्म एक लेखक के हाथों हुआ था। उसने मुझे अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बनाया था। मैं एक कलाकृति हूँ, और मैं ज्ञान और आनंद का एक स्रोत हूँ।

         मेरा निर्माण एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी। लेखक ने पहले मेरे विषय और उद्देश्य पर विचार किया। उन्होंने मेरे पात्रों, कथानक और संवादों की योजना बनाई। फिर उन्होंने मुझे शब्दों में उतारना शुरू किया।

        एक बार जब लेखक ने मुझे लिखना समाप्त कर दिया, तो मुझे एक प्रकाशक के पास भेजा गया। प्रकाशक ने मेरे कवर और डिज़ाइन पर विचार किया। उन्होंने मुझे बाजार में लाने के लिए एक योजना बनाई।

        अंत में, मैं एक पुस्तकालय या दुकान में एक शेल्फ पर समाप्त हो गया। मैं इंतजार कर रहा था कि कोई मुझे उठाए और मुझे पढ़े।

       एक दिन, एक लड़की मुझे उठाई और मुझे पढ़ने लगी। वह मेरे पात्रों और कथानक से प्यार कर बैठी। उसने मुझे अपने दोस्तों को भी पढ़ने के लिए दिया। मैंने बहुत सारे लोगों को खुश किया है। मैंने उन्हें ज्ञान और आनंद दिया है। मैं एक कलाकृति हूँ, और मैं दुनिया को बेहतर जगह बना रहा हूँ।

      मैं एक पुस्तक हूँ, और मैं एक ऐसी शक्ति हूँ जो दुनिया को बदल सकती है। पुस्तकें हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे हमें ज्ञान और आनंद प्रदान करते हैं। वे हमें नई दुनियाओं और नए विचारों से परिचित कराते हैं। वे हमें बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं।

    मैं एक पुस्तक हूँ, और मैं गर्व से कहती हूँ कि मैं एक शक्ति हूँ जो दुनिया को बदल सकती है।

July 2019

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

(१) यदि मोबाइल न होता तो 
(२) मेरे प्रिय लेखक

Ans.

यदि मोबाइल न होता तो

आज के समय में मोबाइल हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। हम मोबाइल का उपयोग हर काम के लिए करते हैं। मोबाइल से हम अपने प्रियजनों से बात कर सकते हैं, जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, मनोरंजन कर सकते हैं, और कई अन्य कार्य कर सकते हैं।

यदि मोबाइल न होता तो हमारे जीवन में निम्नलिखित बदलाव आए होते:

  • हमारा संचार बहुत कठिन हो जाता। मोबाइल के बिना हम अपने प्रियजनों से दूर-दूर रहकर भी आसानी से बात नहीं कर पाते। हमें पत्र लिखने या फोन करने के लिए दूरसंचार केंद्र जाना पड़ता।
  • हमारा मनोरंजन बहुत सीमित हो जाता। मोबाइल पर हम विभिन्न प्रकार के मनोरंजक कार्यक्रम देख सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं, खेल खेल सकते हैं, और कई अन्य कार्य कर सकते हैं। मोबाइल के बिना हमें मनोरंजन के लिए अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ता।
  • हमारा काम बहुत कठिन हो जाता। मोबाइल पर हम विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकते हैं, जैसे कि ईमेल भेजना, दस्तावेज़ बनाना, और कई अन्य कार्य। मोबाइल के बिना हमें इन कार्यों के लिए अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ता।

मोबाइल के बिना हमारे जीवन में कई सकारात्मक और नकारात्मक बदलाव आते। सकारात्मक बदलावों में हमारा संचार, मनोरंजन, और काम आसान हो जाता। नकारात्मक बदलावों में हमारा स्वास्थ्य, सामाजिक संपर्क, और निजी समय प्रभावित हो सकता है।

मोबाइल एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों के लिए किया जा सकता है। हमें मोबाइल का उपयोग जिम्मेदारी से करना चाहिए ताकि यह हमारे जीवन को बेहतर बना सके।

यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनसे हम मोबाइल का उपयोग जिम्मेदारी से कर सकते हैं:

  • मोबाइल का उपयोग सीमित करें। मोबाइल पर अत्यधिक समय बिताने से हमारा स्वास्थ्य, सामाजिक संपर्क, और निजी समय प्रभावित हो सकता है।
  • मोबाइल का उपयोग बच्चों के लिए सुरक्षित रखें। बच्चे मोबाइल का उपयोग जिम्मेदारी से नहीं कर सकते हैं। इसलिए, हमें बच्चों के मोबाइल के उपयोग पर निगरानी रखनी चाहिए।
  • मोबाइल का उपयोग सामाजिक संपर्क बढ़ाने के लिए करें। मोबाइल का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं करना चाहिए। हमें मोबाइल का उपयोग अपने प्रियजनों से जुड़ने और उनसे बातचीत करने के लिए करना चाहिए।

इन सुझावों का पालन करके हम मोबाइल का उपयोग जिम्मेदारी से कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

मेरे प्रिय लेखक

         हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा लेखक होता है, जिसकी रचनाओं से वह बहुत प्रभावित होता है। वह लेखक उसके जीवन को प्रभावित करता है, उसकी सोच को बदलता है, और उसे नए आयाम से परिचित कराता है। मेरे जीवन में भी एक ऐसा लेखक है, जिसकी रचनाओं से मैं बहुत प्रभावित हूँ। वह लेखक है, मुंशी प्रेमचंद।

        मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के महान लेखक हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में भारतीय समाज की वास्तविकता को बड़ी ही कुशलता से चित्रित किया है। उनकी रचनाओं में ग्रामीण जीवन, शहरी जीवन, सामाजिक समस्याएं, और मानवीय मूल्यों को बड़ी ही सहजता से दर्शाया गया है।

       मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में मुझे सबसे अधिक प्रभावित करने वाली बात उनकी भाषा है। उनकी भाषा सरल, सुबोध, और सहज है। वह अपनी भाषा के माध्यम से पाठकों को अपने साथ जोड़ने में सफल होते हैं।

       मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में मुझे सबसे अधिक प्रभावित करने वाली बात उनकी कथानएँ हैं। उनकी कथानएं रोचक, प्रेरणादायक, और शिक्षाप्रद हैं। वह अपनी कथानओं के माध्यम से पाठकों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराते हैं।

      मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में मुझे सबसे अधिक प्रभावित करने वाली बात उनके चरित्र हैं। उनके पात्र सजीव और जीवंत हैं। वह अपने पात्रों के माध्यम से भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को दर्शाते हैं।

      मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं ने मेरे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। उनकी रचनाओं ने मुझे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद की है। उन्होंने मुझे एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित किया है।

      मुंशी प्रेमचंद मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत हैं। मैं उनकी रचनाओं को बार-बार पढ़ता हूँ, और उनसे कुछ न कुछ सीखता रहता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि मैं भी एक दिन एक ऐसा लेखक बन सकूँ, जिसकी रचनाएं लोगों को प्रभावित करें।

March 2019

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

(१) मैं सड़क बोल रही हूँ
(२) ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’

Ans.

मैं सड़क बोल रही हूँ

          मैं सड़क बोल रही हूँ। मैं शहर की धड़कन हूँ। मैं लोगों के सपनों को पूरा करती हूँ। मैं व्यापार और विकास का मार्ग प्रशस्त करती हूँ। मैं संस्कृति और सामाजिक जीवन का केंद्र हूँ। मैं हर दिन हजारों लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचाती हूँ। मैं उनका साथ देता हूँ, उनकी कहानियाँ सुनती हूँ, और उनकी खुशियाँ और गम साझा करती हूँ। मैं उनके जीवन का एक अभिन्न अंग हूँ।

          मैं कई तरह के लोगों को देखती हूँ। मैं बच्चों को स्कूल जाते हुए देखती हूँ। मैं युवाओं को सपनों के साथ देखती हूँ। मैं वृद्धों को अनुभव के साथ देखती हूँ। मैं हर तरह के लोगों को देखती हूँ, और मैं उन सभी से प्यार करती हूँ।

          मैं एक सड़क हूँ, लेकिन मैं एक जीवित जीव हूँ। मैं लोगों के जीवन को छूती हूँ, और मैं दुनिया को बदलती हूँ। मैं एक महत्वपूर्ण हिस्सा हूँ, और मैं हमेशा अपने लोगों के लिए वहाँ रहूँगी।

मेरे कुछ फायदे:

मैं लोगों को एक-दूसरे से जोड़ती हूँ। इससे व्यापार और विकास को बढ़ावा मिलता है । मैं संस्कृति और सामाजिक जीवन का केंद्र हूँ।

मैं लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने में मदद करती हूँ। बच्चों को स्कूल जाने, युवाओं को सपनों का पीछा करने, और वृद्धों को अपने परिवार और दोस्तों के साथ रहने में मदद करती हूँ।

मेरे कुछ नुकसान:

मैं प्रदूषण का कारण बन सकती हूँ। वाहनों से निकलने वाला धुआँ और धूल वायु और जल प्रदूषण का कारण बन सकता है।

मैं दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हूँ। तेज गति से चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।

मैं शोर का कारण बन सकती हूँ। वाहनों से निकलने वाला शोर लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

मेरे लिए कुछ सुझाव:

मुझे प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। वाहनों से निकलने वाले धुएँ और धूल को कम करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।

मुझपर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। मेरी मरम्मत और रखरखाव अच्छी तरह से किया जाना चाहिए।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

      बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक राष्ट्रीय अभियान है जिसका उद्देश्य भारत में लड़कियों के जीवन और शिक्षा के लिए समर्थन जुटाना है। यह अभियान 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था।

     भारत में लड़कियों के साथ भेदभाव एक पुरानी समस्या है। लड़कियों को अक्सर लड़कों की तुलना में कम महत्व दिया जाता है, और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य अवसरों तक पहुंच से वंचित किया जाता है।

     बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान इन भेदभावों को दूर करने और लड़कियों को उनके अधिकारों और अवसरों के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए काम करता है। यह अभियान लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है, क्योंकि शिक्षा लड़कियों को सशक्त बनाने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की सबसे शक्तिशाली शक्तियों में से एक है।

अभियान के तहत, सरकार और गैर-सरकारी संगठन लड़कियों की शिक्षा और कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल शुरू कर रहे हैं। इन पहलों में शामिल हैं:

  • लड़कियों को मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति प्रदान करना।
  • लड़कियों के लिए स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंच बढ़ाना।
  • लड़कियों के स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देना।
  • लड़कियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को रोकना।

       बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान भारत में लड़कियों की स्थिति में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। अभियान के परिणामस्वरूप, लड़कियों की शिक्षा में वृद्धि हुई है, और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा में कमी आई है।

    यह अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत को एक अधिक न्यायसंगत और समतावादी समाज बनाने में मदद कर रही है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के लाभ:

  • यह लड़कियों के जीवन को बचाता है और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करता है।
  • यह लड़कियों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।
  • यह लड़कियों के सशक्तिकरण और सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में हर किसी की भूमिका है। हम सभी लड़कियों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम कर सकते हैं। हम निम्नलिखित कार्य करके योगदान दे सकते हैं:

  • लड़कियों के अधिकारों और महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
  • लड़कियों को शिक्षा और अन्य अवसरों तक पहुंच प्रदान करने के लिए समर्थन करें।
  • लड़कियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को रोकने के लिए आवाज उठाएं।

आइए मिलकर भारत को एक ऐसा देश बनाते हैं जहां हर लड़की को बिना भेदभाव के अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का मौका मिले।