पाठ ६ : कलम का सिपाही

१. लिखिए :

प्रश्न अ. प्रेमचंद का व्यक्तित्व अधिक विकसित होता है, जब ………………………….
(१) …………………………………………………………….
(२) …………………………………………………………….
उत्तर :
(१) वह निम्न मध्यवर्ग और कृषक वर्ग का चित्रण करते हुए अपने युग की प्रतिगामी शक्तियों का विरोध करते हैं।
(२) एक श्रेष्ठ विचारक और समाज सुधारक के रूप में प्रकट होते हैं।

प्रश्न इ. निम्नलिखित पात्रों की विशेषताएँ – (१) होरी (२) अलोपीदीन (३) वंशीधर

उत्तर :
(१) होरी – भूख, बीमारी, उपेक्षा और मौत से लड़नेवाला।
(२) अलोपीदीन – कालाबाजारी, समाज का ठेकेदार।
(३) वंशीधर – शोषक को गिरफ्तार करने वाला, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ।

उत्तर :

(१) अपत्य – संतान
अपथ्य – प्रतिकूल

(२) कृपण – कंजूस
कृपाण – तलवार

(३) श्वेत – सफेद
स्वेद – पसीना

(४) पवन – हवा
पावन – पवित्र

(५) वस्तु – किसी भी चीज का आधार, सत्य
वास्तु – मकान बनाने योग्य स्थान, गृह

(६) व्रण – निशान
वर्ण – रंग

(७) शोक – दुःख
शौक – अभिरूचि

(८) दमन – दबाने या बलपूर्वक शांत करने का काम
दामन – पहाड़ के नीचे की जमीन, आँचल, पल्ला

३.

(अ) ‘वर्तमान कृषक जीवन की व्यथा’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर :
सदियों पहले किसानों की जो दुरावस्था और परेशानियाँ थीं उनमें और आज की परिस्थितियों में कुछ भी परिवर्तन नहीं है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले बीज से लेकर मजदूर तक सब कुछ आसानी से और कम व्यय में मिलता था; जबकि आज इन सब के दाम बढ गए हैं। जितना दाम लगता है उतने बड़े पैमाने पर अनाज़ उगता भी नहीं और उसके दाम भी उतने नहीं मिलते। बारिश के कारण पहले की तरह आज भी परेशानी उसके सामने है। बाजार में अन्य वस्तुओं के दाम दुगुने हो नहीं बल्कि चौगुने बढ़े हैं; जबकि अनाज़ के दामों में उतने बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। परिणामत: अपनी निजी आवश्यकताओं की पूर्ति करते समय किसान परेशान हो रहा है।

(आ) ‘ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा सफलता के सोपान हैं’, इस विषय पर अपना मत लिखिए।
उत्तर:
ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन्हीं के बलबूते पर मनुष्य अपने जीवन में यश एवं सफलता प्राप्त कर सकता है। कोई भी काम श्रेष्ठ या कनिष्ठ नहीं होता। काम करने से ही व्यक्ति की प्रतिष्ठा होती है। व्यक्ति ईमानदार तो है किंतु कर्तव्य के प्रति आनाकानी करता है या कर्तव्य सही समय पर करता है परंतु ईमानदार नहीं है, तो वह अपने जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता ।

४.

(अ) रूपक के आधार पर प्रेमचंद जी की साहित्यिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर : प्रेमचंद जी के साहित्य में सामाजिक जीवन की विशालता, अभिव्यक्ति का खरापन, पात्रों की विविधता, सामाजिक अन्याय का घोर विरोध, मानवीय मूल्यों से मित्रता तथा संवेदना पाई जाती है। युग की चुनौतियों को सामाजिक धरातल पर उन्होंने स्वीकारा और नकारा भी। प्रेमचंद जी का साहित्य लोगों को अन्याय से जूझने की शक्ति प्रदान करता है। उनका साहित्य समय की धडकनों से जुड़ा सजग, आदर्शवादी है। ऐसा लगता है, आज भी वे जीवन से जुड़े हुए युगजीवी हैं और युगांतर तक मानवसंगी दिखाई पड़ते हैं। उनके कहानी और नाटकों में व्याप्त माननीय संवेदना उनके साहित्य की विशेषता मानी जाती है।

(आ) पाठ के आधार पर ग्रामीण और शहरी जीवन की समस्याओं को रेखांकित कीजिए।
उत्तर : प्रेमचंद जी स्वयं ग्रामीण माहौल में पैदा हुए, पले, गरीबी में जीवनयापन किया। उनके अधिकांश उपन्यास और कहानियों में देहाती जीवन का ही चित्रण मिलता है। ‘गोदान’ उपन्यास, ‘कफन’, ‘ईदगाह’, बूढ़ी काकी’ आदि कहानियों में ग्रामीण जीवन का चित्रण मिलता है। ‘प्रतिज्ञा’, ‘निर्मला’, ‘सेवासदन’ में शहरी जीवन से जुड़ी समस्याओं का चित्रण मिलता है। इन उपन्यासों में हमें भारतीय नारी की समस्या का चित्रण मिलता है। ‘निर्मला एक ऐसी स्त्री है जो परंपराओं, रुढ़ियों, धर्म और कर्मकांडों से जुड़ी हुई है। इस प्रकार ग्रामीण और शहरी जीवन की समस्याओं को रेखांकित किया है।

५. जानकारी दीजिए :

(अ) डॉ. सुनील केशव देवधर जी लिखित रचनाएँ –
उत्तर : मत खींचो अंतर रेखाएँ (काव्य संग्रह), मोहन से महात्मा, आकाश में घूमते शब्द (रूपक संग्रह) संवाद अभी शेष है, संवादों के आईने में (साक्षात्कार) (आ) रेडिओ रूपक की विशेषताएँ – उत्तर : इसके प्रस्तुतीकरण का ढंग सहज, प्रवाही, संवादात्मक होता है।

(आ) रेडियो रूपक की विशेषताएँ –
उत्तर : रेडियो एक श्रव्य माध्यम है। रेडियो रूपक विधा का विकास नाटक से हुआ है। इसका मंचन अदृश्य होता है। इसका क्षेत्र अत्यंत विकसित है। दृश्य-अदृश्य जगत के किसी भी विषय, वस्तु या घटना पर रेडियो रूपक लिखा जा सकता है। यह ध्वनि ओर संगीत का समच्वित रूप है। क्योंकि इसे केवल सुना जा सकता है। इसके प्रस्तुतीकरण का ढंग रोचक, सहज, प्रवाहमयी तथा संवादात्मक होता है।

६. कोष्ठक की सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए –

(१) मछुवा नदी के तट पर पहुँचा। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर : मछुवा नदी के तट पर पहुँचता है।

(२) एक बड़े पेड़ की छाँह में उन्होंने वास किया। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर : एक बड़े पेड़ की छाँह में वे वास कर रहे हैं।

(३) आदमी यह देखकर डर गया। (पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर : आदमी यह देखकर डर गया है।

(४) वे वास्तविकता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। (सामान्य भूतकाल)
उत्तर : वे वास्तविकता की ओर अग्रसर हए।

(५) उन लोगों को अपनी ही मेहनत से धन कमाना पड़ता है। (अपूर्ण भूतकाल)
उत्तर : उन लोगों को अपनी ही मेहनत से धन कमाना पड़ रहा था।

(६) बबन उसे सलाम करता है। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर : बबन ने उसे सलाम किया था।

(७) हम स्वयं ही आपके पास आ रहे थे। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर : हम स्वयं ही आपके पास आएँगे।

(८) साहित्यकार अपने सामयिक वातावरण से प्रभावित हो रहा है। (सामान्य भूतकाल)
उत्तर : साहित्यकार अपने सामयिक वातावरण से प्रभावित हुआ।

(९) आकाश का प्यार मेघों के रूप में धरती पर बरसने लगता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर : आकाश का प्यार मेघों के रूप में धरती पर बरसा है।

(१०) आप सबको जीत सकते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर : आप सबको जीत सकेंगे।