पाठ ९ : गजलें (अ) दोस्ती (आ) मौजूद

१. लिखिए :

(अ) गजलकार के अनुसार दोस्ती का अर्थ –
उत्तर : दोस्ती को महसूस किया जाता है। दोस्ती में छोटा-बड़ा अमीर-गरीब इस तरह का भेद-भाव नहीं होता। जिससे दोस्ती की जाती है उसके गुण-अवगुण से हम परिचित होते हैं। एक-दूसरे के सुख-दुःख में सहयोग देते हैं। एक दोस्त हमदर्द, मार्गदर्शक, पथ प्रदर्शक होता है। अच्छी-बुरी बातें मान-सम्मान, पद-अधिकार, संपत्ति आदि बातों से कहीं ऊपर दोस्ती होती है। एक-दूसरे के मन की बात बिना बोले ही समझ में आती है। सभी रिश्तों से ऊपर दोस्ती का रिश्ता होता है।

(आ) कवि ने इनसे सावधान किया है –
उत्तर :
♦ बुराइयाँ, शत्रु, तथाकथित लोग (धनी-मानी, अमीर-राजा आदि।)
♦ कुप्रवृत्तियों के लोग, कड़वी सच्ची बातें, दुःख
♦ आपदाएँ-विपदाएँ, समस्याएँ, कठिनाइयाँ आदि अभावजन्य बातें।

(इ) प्रकृति से संबंधित शब्द तथा उनके लिए कविता में आए संदर्भ –
शब्द – संदर्भ
(१) ……………………… – ………………………
(२) ……………………… – ………………………
(३) ……………………… – ………………………
(४) ……………………… – ………………………
उत्तर :
शब्दसंदर्भ
(१) तूफाँ – तूफाँ तो इस शहर में अक्सर आता है।
(२) सैलाब – आँखों में सैलाब का मंजर आता है।
(३) बादल – सूखे बादल होंठों पर कुछ लिखते हैं।
(४) समंदर – पानी पीने रोज समंदर आता है।

२.

(अ) गजल में प्रयुक्त विरोधाभासवाली दो पंक्तियाँ ढूँढ़कर उनका अर्थ लिखिए।
उत्तर :

याद कर देवताओं के अवतार
हम फकीरों का सिलसिला भी मान।
अर्थ : दोस्त भले ही अपनों से तथाकथित बड़े लोगों से ताल्लुक रखता हो पर, हम जैसे साधारण गरीबों की बात भी माननी चाहिए।

(आ) कागज की पोशाक शब्द की प्रतीकात्मकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : समाचार पत्र में बाते प्रकाशित होना, श्वेत-सफेद बगुलों जैसे अवसरवादियों पर प्रस्तुत पंक्ति में व्यंग्य किया है। हाथी के दाँत दिखाने के और तथा खाने के और होते हैं, कथनी और करनी में अंतर रखना – अखबार इन सबका भंडाफोड़ करता है।

३.

(अ) जीवन की सर्वोत्तम पूँजी मित्रता है, इसपर अपना मंतव्य लिखिए।
उत्तर :

मित्रता या दोस्ती दो या अधिक व्यक्तियों के बीच पारस्परिक लगाव का संबंध है। जब दो दिल एक-दूसरे के प्रति सच्ची अत्मीयता से भरे होते हैं, तब उस संबंध को मित्रता कहते हैं। यह संगठन की तुलना में अधिक सशक्त वैयक्तिक बंधन है। जीवन में मित्रों के चुनाव की उपयुक्तता पर उसके जीवन की सफलता निर्भर हो जाती है; क्योंकि संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है।
    हमें अपने मित्रों से यह आशा रखनी चाहिए कि वे उत्तम संकल्पों में दृढ़ रहेंगे, दोष और त्रुटियों से हमें बचाएँगे, जब हम कुमार्ग पर पैर रखेंगे, तब वे हमें सचेत करेंगे, जब हम हतोत्साहित होंगे तब हमें उत्साहित करेंगे। सारांश यह है कि वे हमें जीवन निर्वाह करने में हर तरह से सहायता करें।
   सच्ची मित्रता में उत्तम से उत्तम वैद्य की-सी निपुणता और परख होती है, माँ जैसा धैर्य और कोमलता होती है। ऐसी ही मित्रता करने का प्रयत्न करना चाहिए।

(आ) आधुनिक युग में बढ़ती प्रदर्शन प्रवृत्ति विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर : प्रदर्शन एक ऐसा शब्द है जो युवाओं, वृद्धों, महिलाओं व बच्चों में समान रूप से लोकप्रिय है। कपड़ों, खाद्य पदार्थों, फास्ट फूड, नृत्य (पश्चिमी धुनों पर), विवाहों, समारोहों इत्यादि पर प्रदर्शन की अमिट छाप दिखाई पड़ती है। प्रदर्शन कभी स्थिर नही रहता। यह एक परिवर्तनवादी नशा है, जो सिर पर चढ़कर बोलता है। यदि किसी महिला ने पुरानी स्टाइल या डिझाइन की साडी या लहंगा पहना हो तो संभव है कि उसे “Out of Fashion” की संज्ञा दी जाए। यह संभव है कि अगली किसी पार्टी पर उसे आमंत्रित ही न किया जाए।
    आज के दौर में जो व्यक्ति “आऊट ऑफ फैशन” हो जाता है उसकी मार्केट वैल्यू” गिर जाती है। अत: उसे स्वयं को भौतिकवाद की दौड़ में अपना स्थान सुनिश्चित करने हेतु कपड़ों, खानपान, घर, बच्चों, जीवनसाथी व दफ्तर, कारोबार, आदि के संदर्भ में नवीनतम प्रदर्शन की वस्तुओं, सुविधाओं, और विचारों को अपनाना पड़ता है। पदर्शन एक भेड़चाल की तरह है।
     मेरे विचार में फैशनेबल होना बुरा नहीं है। परंतु दकियानुसी कपड़ों को प्रदर्शन करना या कम-से-कम वस्त्र पहनने का नाम भी तो फैशन नहीं है। इस में युवा पीढ़ी कुछ ज्यादा ही संजीदा है। वक्त के साथ बदलते प्रदर्शन पर यह पीढ़ी न सिर्फ नजर रखती है बल्कि उसे अपनाने में भी देर नहीं करती।

. गजल में निहित जीवन के विविध भावों को आत्मसात करते हुए रसास्वादन कीजिए।
उत्तर :

(१) शीर्षक : दोस्ती, मौजूद
(२) रचनाकार : डॉ. राहत इंदौरी

(३) केंद्रीय कल्पना : डॉ. राहत इंदौरी जी के ‘दो कदम और सही’ गजल संग्रह से ‘दोस्ती’ गजल ली गई है जिसमें गजलकार दोस्ती का अर्थ और महत्त्व से हमें परिचित कराते हैं। दूसरी गजल ‘मौजूद’ गजल संग्रह से संकलित है जो हौसला निर्माण करने वाली, उत्साह दिलाने वाली, सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता को जगाने वाली गजल है। इस गजल में जिंदगी के अलग-अलग रंगों का इजहार खूबसूरती से किया गया है। जीवन में दोस्त हमदर्द, मार्गदर्शक, होता है। एक-दूसरे के मन की बात बिना बोले ही समझ जाते हैं। एक-दूसरे के सुख-दुःख में सहभागी होते हैं। जीवन में दोस्त का स्थान महत्त्वपूर्ण होता है।

(४) रस-अलंकार : प्रस्तुत कविता गजल है जिसका हर शेर स्वयंपूर्ण है। नए रदीफ, नई बहर, नए मजमून, नया शिल्प का जादू इन गजलों में बिखरा हुआ है।

(५) प्रतीक विधान : प्रस्तुत गजलों में जिंदगी के अलग-अलग रंगों का खूबसूरत इजहार है। संवेदनशीलता, सकारात्मकता, हौसला और उत्साह जगाने में ये गजलें सफल हुई हैं।

(६) कल्पना : कवि ने कागजों के बीच की खामोशियाँ पढ़ने की कल्पना की है, जो हमारी संवेदनशीलता को जगाती है। कातिल कागज का पोशाक पहनने वाला व्यक्ति अर्थात स्वार्थी, झूठा और दोगला व्यवहार करने वाला व्यक्ति जिससे हमें सर्तक, सावधान रहने की बात कही है।

(७) पसंद की पंकितयां तथ प्रभाव:
‘सूख चुका हूँ फिर भी मेरे साहिल पर
पानी पीने रोज समंदर आता है।’
अर्थात शक्ति क्षीण हो जाने के बाद भी देने का उत्साह कम नहीं हुआ है और जो भीड़ रूपी समुंदर किनारे पर पानी पीने आता है उनको पानी देने का हौसला भी गजलकार रखते हैं। यही है जीवन की सकारात्मकता का इजहार।

(८) कविता पसंद आने के कारण : मुझे इन गजलों की संवेदनशीलता और सकारात्मकता अच्छी लगती है। वर्तमान स्थिति पर कसा व्यंग्य भी मुझे प्रभावित करता है और सावधान रहने के लिए प्रेरित करता है। गजल की असली कसौटी उसकी प्रभावोत्पादकता होती है जिसमें गजलकार सफल हुए है।

५. जानकारी दीजिए:

(अ) डॉ. राहत इंदौरी जी की गजलों की विशेषताएँ –
उत्तर :

  • जीवन और जगत के विभिन्न पहलुओं पर गजलें की हैं।
  • वर्तमान परिवेश पर जो टिप्पणी उन्होंने अपनी गजलों में की है, वो आज की राजनीति, सांप्रदायिकता, धार्मिक पाखंड और पर्यावरण पर बड़े ही मार्मिक भाव से की है।
  • छोटी-बड़ी बहर की गजल में उनका प्रतीक और बिंब विद्यमान है, जो नितांत मौलिक और अद्वितीय है।
  • नए रदीफ, नई बहर, नए मजमून, नया शिल्प उनकी गजलों में जादू की तरह बिखरा है।

(आ) अन्य गजलकारों के नाम
उत्तर : मिर्जा असदुल्ला खाँ ‘गालिब’, दुष्यंत कुमार, वसीम बरेलवी, निदा फाजली, राजेंद्रनाथ रहबर, रतन पॅडोरवी, गुलजार।

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